वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-कानपुर में क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद में सचिन के मौत की गुत्थी उलझ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान नहीं मिले हैं। दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है।
कानपुर के रहटी खालसा गांव के बंजारन डेरा में सोमवार को क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद में किशोर की मौत की गुत्थी उलझ गई है। मंगलवार को दो डॉक्टरों की पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शव पर चोटों के कोई निशान भी नहीं मिले। पुलिस बिसरा सुरक्षित कर फोरेंसिक लैब भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद हत्या की असल वजह स्पष्ट हो गई। हालांकि पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरोपी भाइयों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है।
गांव निवासी मोहन सिंह का 15 वर्षीय बेटा सचिन उर्फ गोलू सोमवार शाम गांव के बाहर साथियों के साथ क्रिकेट मैच खेलने गया था। इसमें 10-10 रुपये की शर्त लगी थी। बैटिंग कर रहे गांव के हरगोविंद को सचिन ने बोल्ड कर दिया। इस पर भड़के हरगोविंद ने अपने भाई ब्रजेश के साथ मिलकर सचिन से मारपीट शुरू कर दी।
हाथापाई के दौरान सचिन की मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपी मौके से भाग निकले। पुलिस ने सचिन के पिता मोहन सिंह की तहरीर पर हरगोविंद और उसके भाई ब्रजेश के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस दोनों भाइयों की तलाश में दबिश दे रही है। आरोपियों के परिजन भी घर से फरार हैं।
पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करके आरोपी भाइयों की तलाश की जा रही है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। बिसरा सुरक्षित रखा गया है। घटना की गहना से जांच की जा रही है। आरोपियों की तलाश के लिए टीमों का गठन किया गया है। - दिनेश कुमार शुक्ला, एसीपी घाटमपुर
शव पहुंचते ही परिजनों में मचा कोहराम
मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। मां सुनीता, बहन अर्चना, रचना, मोहिनी, प्रतीक्षा व भाई विपिन का रो-रोकर बुरा हाल था। सचिन भी फेरी लगाकर कपड़े बेचता था। इधर, मोहल्ले में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। शाम को पुलिस की मौजूदगी में मूसानगर के हलियाघाट में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
रसगुल्ला के विवाद में बरातियों को पीटा था
उधर, ग्रामीणों के मुताबिक बड़ा परिवार के होने के चलते आरोपी भाई गांव में दबंगई करते हैं। बीते दिनों एक रसगुल्ले के विवाद में दोनों भाइयों ने बरातियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। आपसी समझौते के चलते मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था।
बीती 16 जून को गांव में रूपनगर से एक बरात आई थी। अगवानी के बाद द्वारचार चल रहा था। पंडाल के नीचे बरातियों को पंगत में बैठाकर खाना खिलाया जा रहा था। हरगोविंद बरातियों को रसगुल्ला परोस रहा था। इस बीच एक बराती ने एक रसगुल्ला ज्यादा मांग लिया, जिस पर हरगोविंद ने उसे अपशब्द बोल दिए। जिस पर बरातियों ने विरोध किया तो हरगोविंद ने अपने भाई व अन्य परिवारी जनों के साथ मिलकर बरातियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।
बरातियों ने खेतों की ओर भागकर अपनी जान बचाई थी। नाराज बराती वापस लौट गए थे। बुजुर्गों की मानमनौव्वल के बाद लड़की की विदाई हो सकी थी। मामले में पुलिस से शिकायत नहीं की गई थी। ग्रामीणों के मुताबिक बीते वर्ष सचिन के चचेरे भाई रिंकू को भी हरगोविंद के भाइयों ने पीटा था। रिंकू ने नाली में कूड़ा करकट डालने का विरोध किया था। ये मामला भी पुलिस तक नहीं पहुंचा था।
बड़ा परिवार होने के चलते करते हैं दबंगई
मृतक सचिन के चचेरे भाई रज्जन के मुताबिक हत्यारोपी हरगोविंद के छह भाई हैं। इसके अलावा चाचा और ताऊ का परिवार भी पड़ोस में रहते हैं। बड़ा परिवार होने के चलते आरोपी गांव में दबंगई करते हैं। इसके परिवार की दबंगई के चलते पीड़ितों पुलिस से शिकायत नहीं की। जिससे उनके हौंसले बुलंद हो गए।